Sanjay Kumar Srivastava
जयपुर में नाहरगढ़ में इस मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा की सूंड दाहिनी तरफ है। मान्यतानुसार यहां सिर्फ उल्टा स्वास्तिक बनाने से ही बिगड़े काम बनने लगते हैं।
उदयपुर का बोहरा गणेश मंदिर करीब 350 साल पुराना है। यहां पर निर्विघ्न कार्य संपूर्ण हो यह मनोकामना की जाती हैै।
जोधपुर शहर के गुरु गणपति मंदिर की ख्याति पूरे शहर में ‘इश्किया गजानन’ जी मंदिर के रूप में है।
मोती डूंगरी मंदिर में स्थापित भगवान की मूर्ति जयपुर के राजा माधोसिंह प्रथम की रानी के पीहर मावली से लाई गई थी।
गढ़ गणेश मंदिर में बिना सूंड वाले गणेश जी विराजमान है। यहां गणेशजी का बालरूप विद्यमान है।
सवाईमाधोपुर के रणथंभौर किले में प्रसिद्ध गणेश मंदिर में भगवान गणेश अपनी पत्नियों रिद्धि सिद्धि और पुत्र शुभ लाभ के साथ विराजित हैं। भगवान की मूर्ति में तीन आंखें हैं।