अवनि लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया है। वहीं इस स्पर्धा में राजस्थान की ही मोना अग्रवाल तीसरे स्थान पर रही। जिन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत को गोल्ड मैडल दिलाने वाली अवनी ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में 10 मीटर एयर राइफल (SH1) स्पर्धा में शुक्रवार (30 अगस्त) को स्वर्ण पदक पर निशाना साधा।

अवनि ने फाइनल में 249.7 अंक बनाए, जो एक पैरालंपिक रिकॉर्ड है। अवनि ने टोक्यो में 249.6 अंकों का पिछला रिकॉर्ड बनाया था।

अवनि लेखरा ने पेरिस पैरालंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया है।टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत को गोल्ड मैडल दिलाने वाली अवनी ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में 10 मीटर एयर राइफल (SH1) स्पर्धा में शुक्रवार (30 अगस्त) को स्वर्ण पदक पर निशाना साधा।

अवनि ने फाइनल में 249.7 अंक बनाए, जो एक पैरालंपिक रिकॉर्ड है। अवनि ने टोक्यो में 249.6 अंकों का पिछला रिकॉर्ड बनाया था।

22 साल की अवनि राजस्थान की राजधानी जयपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम प्रवीण लेखरा और मां का नाम श्वेता लेखरा है। अवनी के पिता प्रवीण लेखरा ने पत्रिका से बातचीत में बताया था कि 2012 में वह धौलपुर में कार्यरत थे। उसी दौरान जब वह जयपुर से धौलपुर जा रहे थे तो सड़क दुर्घटना में पिता-पुत्री दोनों घायल हो गए।

प्रवीण लेखरा तो कुछ समय बाद स्वस्थ हो गए, लेकिन अवनी को तीन महीने अस्पताल में बिताने पड़े फिर भी रीड की हड्डी में चोट के कारण वह खड़े होने और चलने में असमर्थ हो गई।

प्रवीण लेखरा ने बताया कि इसके बाद वह बहुत निराशा से भर गई और अपने आप को कमरे बंद कर लिया। माता-पिता के सतत प्रयासों के बाद अवनी में आत्म विश्वास लौटा और अभिनव बिन्द्रा की बायोग्राफी से प्रेरणा लेकर वह निशानबाजी करने लगी।

अवनि लेखरा पैरालंपिक इतिहास में चौथी भारतीय एथलीट बनीं जिन्होंने भारत के लिए गोल्ड मैडल जीता है।